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पुलिस कमिश्नर प्रणाली क्या है/police commissioner system

पुलिस कमिश्नर प्रणाली लगने से पहले पुलिस के पास कुछ विषेस अधिकार नहीं होते थे। जैसे की वो खुद से लाठी चार्ज नहीं केर सकते थे शहर में धारा 144 लगाने का भी अधिकार नहीं होता था। ये सभी अधिकार  जिलाधिकारी यानी डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट के पास होते थे। लेकिन पुलिस कमिश्नर सिस्टम लगने के बाद ये सरे अधिकार पुलिस अफसर को मिल जाते हैं।

क्या है पुलिस कमिश्नर प्रणाली?

भारतीय पुलिस अधिनियम 1861 के भाग 4 के अंतर्गत जिलाधिकारी यानी डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट के पास पुलिस पर नियंत्रण के अधिकार भी होते हैं । इस पद पर आसीन अधिकारी आईएएस होता है । लेकिन पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू हो जाने के बाद ये अधिकार पुलिस अफसर को मिल जाते हैं , जो एक आईपीएस होता है।
कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद जिले के डीएम के पास अटकी रहने वाली तमाम अनुमति की फाइलों का झंझट खत्म हो जाएगा । कानूनी भाषा में कहे तो सीआरपीसी की मैजिस्टियल पावर वाली जो कार्रवाई अब तक जिला प्रशासन के अफसरों के पास थी वे सभी ताकतें पुलिस कमिश्नर को मिल जाएंगी।

पुलिस कमिश्नर प्रणाली क्यों लगाई जानी चाहिए?

इंडिया के कुछ महानगरों में ये पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है इसे लगाने के पीछे एक तर्क यह भी है कि कानून व्यवस्था और लोगो की सुरक्षा बेहतर तरीके से हो सके।
बहुत सारे ऐसे निर्णय होते थे जिन्हे जल्दी लेना होता हे लेकिन ये अधिकार पुलिस के पास नहीं होने से निर्णय जल्दी नहीं लिए जाते थे । लेकिन पुलिस कमिश्नर सिस्टम से ये अधिकार पुलिस के पास आए जाएगे और निर्णय लेना आसान होगा।

पुलिस कमिश्नर सिस्टम से क्या बदलाव होंगे?

इस व्यवस्था के लागू होने के बाद कोई भी महानगर बहुत सारे जोन में बात जाता है हर जोन में एक डीसीपी की तैनाती होती है, जो वरिष्ठ अधीक्षक एसएसपी(SSP) की तरह उस जोन को डील करेगा। इसके अलावा 2 से4 थानों पर सीओ (CO) की तरह एक एसीपी (ACP) तैनात होंगे।

पुलिस कमिश्नर सिस्टम में पुलिस को क्या अधिकार होंगे?

1. कानूनी भाषा में समझे तो जीआरपीसी की मैजिस्ट्रियल पावर वानी कार्रवाई अब तक जिला प्रशासन के अफसरों के पास थी . वह अब पुलिस कमिश्नर को मिल जाएगी । सीआरपीसी की धारा 107-16 144 109 110 , 145 का क्रियान्वयन पुलिस कमिश्नर कर सकेंगे ।
2. कमिश्नर सिस्टम से शहरी इलाकों में भी अतिक्रमण पर अंकुश लगेगा । अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाने का आदेश सीधे तौर पर कमिश्नर दे सकेगा और नगर निगम को इस पर अमल करना होगा ।
3. पुलिस कमिश्नर को गैंगस्टर जिला बदर असलहा लाइसेंस देने जैसे अधिकार होंगे । अभी तक ये सभी अधिकार जिलाधिकारी के पास थे ।
4. कमिश्नरी सिस्टम में धरना प्रदर्शन की अनुमति देना और न देना भी पुलिस के हाथों में आ जाएगा ।
5. जमीन संबंधी विवादों के निस्तारण में भी पुलिस को अधिकार मिलेगा । पुलिस कमिश्नर सीधे लेखपाल को पैमाइश का आदेश दे सकता है कानून विदों की मानें तो इससे जमीन से संबंधित विवाद का निस्तारण जल्दी होगा ।
6. दंगे के दौरान लाठीचार्ज होना चाहिए या नही अगर बल प्रयोग हो रहा है। तो कितना बल प्रयोग किया जाएगा इसका निर्णय भी पुलिस ही करेगी अब तक ये फैसला जिला प्रशाशन के पास होता था।

पुलिस कमिश्नर सिस्टम में रैंक?

पुलिस आयुक्त / पुलिस कमिश्नर ( सीपी )CP
संयुक्त आयुक्त / जॉइंट कमिश्नर ( जेसीपी ) JC
डेप्युटी कमिश्नर ( डीसीपी ) DCP
सहायक आयुक्त ( एसीपी )ACP
पुलिस इंस्पेक्टर (पीआई) PI
सब-इंस्पेक्टर (एसआई) SI

पुलिस कमिश्नर प्रणाली से होने वाले लाभ?

• कमिश्नर सिस्टम में एकीकृत व्यवस्था होगी।
• अभी की इस्थति में लौ एंड आर्डर की परिस्थिति में मजिस्ट्रेट व पुलिस अधिकारियों की अलगअलग राय होने पर समन्वय की कमी रहती थी जिससे हालात बिगड़ने की आशंका रहती थी। कमिश्नर सिस्टम में पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी फिक्स हो जाती है।
कमिश्नर प्रणाली पर उठने वाले सवाल? 

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